Chapter 2: भारतीय आर्थिक संरचना के क्षेत्र (Sectors of the Indian Economy) Class 10 NCERT Economics

 यह अध्याय
प्राथमिक
, द्वितीयक,
तृतीयक क्षेत्रों,
उनके योगदान, रोजगार, उत्पादन और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनकी
परस्पर निर्भरता को समझाता है।

Chapter 2: भारतीय आर्थिक संरचना के
क्षेत्र (
Sectors of the Indian Economy)

Class 10 NCERT Economics – आर्थिक विकास की समझ | Questions Answers

Updated for 2024-2025 Exams

Concept Map

· 
प्राथमिक क्षेत्र
(
Primary Sector):

  • यह कच्चे माल
    के दोहन और उत्पादन से संबंधित है।
  • उदाहरण: कृषि
    (
    Farming), खनन (Mining), मछली पकड़ना (Fishing)
  • रोजगार: इस
    क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिक लगे होते हैं।
  • निर्भरता:
    प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित और द्वितीयक क्षेत्र को कच्चा माल प्रदान करता
    है।

· 
द्वितीयक क्षेत्र
(
Secondary
Sector)
:

  • यह कच्चे माल
    को तैयार माल में बदलने से संबंधित है।
  • उदाहरण:
    निर्माण (
    Construction),
    विनिर्माण (Manufacturing)
  • रोजगार:
    उद्योगों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता
    है।
  • निर्भरता: यह
    कच्चे माल के लिए प्राथमिक क्षेत्र पर निर्भर करता है और तैयार माल के लिए
    तृतीयक क्षेत्र को समर्थन देता है।

· 
तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector):

  • यह सेवाएं
    प्रदान करने से संबंधित है
    , न कि वस्तुओं से।
  • उदाहरण:
    बैंकिंग (
    Banking), स्वास्थ्य
    सेवाएं (
    Healthcare),
    शिक्षा (Education), आईटी सेवाएं (IT Services)
  • रोजगार: सेवा
    आधारित उद्योगों में काम करने वाले लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
  • निर्भरता: यह
    प्राथमिक और द्वितीयक दोनों क्षेत्रों का समर्थन करता है
    , जैसे कि परिवहन, विपणन और संचार सेवाओं के माध्यम
    से।

· 
परस्पर निर्भरता (Interdependence):

  • प्राथमिक
    क्षेत्र कच्चा माल द्वितीयक क्षेत्र को प्रदान करता है।
  • द्वितीयक
    क्षेत्र से तैयार माल तृतीयक क्षेत्र द्वारा बेचा जाता है।
  • तृतीयक
    क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीयक दोनों क्षेत्रों को वित्त
    , शिक्षा और लॉजिस्टिक्स जैसी आवश्यक
    सेवाएं प्रदान करता है।

 

आओ-इस पर विचार करें

प्रश्न 1:

प्रश्न: आपको
कौन-सा वर्ग सबसे महत्वपूर्ण लगता है—प्राथमिक
,
द्वितीयक
या तृतीयक
? क्यों?

उत्तर: प्राथमिक वर्ग
सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संसाधनों का उत्पादन करता है जो अन्य वर्गों के लिए
आधार प्रदान करता है
, जैसे
कृषि और खनिज उत्पादन।

प्रश्न 2:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

उदाहरण

व्याख्या

प्राथमिक

कृषि, खनिज

प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादन

द्वितीयक

औद्योगिक उत्पादन

प्राकृतिक संसाधनों का प्रसंस्करण

तृतीयक

सेवा क्षेत्र

सेवाओं का वितरण और उपभोग

अभ्यास

प्रश्न 3:

प्रश्न: प्राथमिक,
द्वितीयक
और तृतीयक वर्गों का कार्य क्या है
?

उत्तर:

  • प्राथमिक वर्ग: यह प्राकृतिक संसाधनों को सीधे
    उपयोग करने योग्य उत्पादों में परिवर्तित करता है
    , जैसे खेती और खनिज उत्खनन।
  • द्वितीयक वर्ग: यह कच्चे माल का प्रसंस्करण करके
    नए उत्पाद तैयार करता है
    , जैसे निर्माण कार्य।
  • तृतीयक वर्ग: यह सेवाओं का वितरण और उपभोग करता
    है
    , जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं।

प्रश्न 4:

तालिका को पूरा करें:

वर्ष

प्राथमिक

द्वितीयक

तृतीयक

1973-74

45%

25%

30%

2013-14

30%

25%

45%

आओ-इस पर विचार करें

प्रश्न 5:

प्रश्न: क्या द्वितीयक और
तृतीयक वर्गों में होने वाले बदलावों का असर जीवनशैली पर पड़ता है
?

उत्तर: हां, द्वितीयक और तृतीयक वर्गों में परिवर्तन
जीवनशैली पर गहरा असर डालते हैं। जब औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में सुधार होते हैं
,
तो लोगों की जीवनशैली
भी बदलती है
, और
वे अधिक सुविधाएं प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 6:

प्रश्न: तालिका 1973-74
और
2013-14 के प्राथमिक,
द्वितीयक,
और
तृतीयक वर्गों का तुलनात्मक अध्ययन करें।

वर्ष

प्राथमिक

द्वितीयक

तृतीयक

1973-74

45%

25%

30%

2013-14

30%

25%

45%

प्रश्न 7:

प्रश्न: किस वर्ग को
“उत्पादन क्षेत्र” कहा जा सकता है और क्यों
?
उत्तर: द्वितीयक वर्ग
को “उत्पादन क्षेत्र” कहा जा सकता है क्योंकि इसमें कच्चे माल को तैयार
माल में बदलने का कार्य होता है
, जैसे
कारखानों में वस्त्र
, वाहन
आदि का निर्माण।

प्रश्न 8:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

कार्य

प्राथमिक

प्राकृतिक संसाधनों का संग्रहण

द्वितीयक

संसाधनों का प्रसंस्करण और निर्माण

तृतीयक

सेवाओं का वितरण

प्रश्न 9:

प्रश्न: 2013-14
में
तृतीयक वर्ग का योगदान सबसे अधिक क्यों था
?
उत्तर: 2013-14
में तृतीयक वर्ग का
योगदान सबसे अधिक इसलिए था क्योंकि उस समय सेवा क्षेत्र
, जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग और शिक्षा में अत्यधिक वृद्धि
हुई थी। इसका अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ा।

प्रश्न 10:

तालिका को पूरा करें:

वर्ष

प्राथमिक

द्वितीयक

तृतीयक

1973-74

45%

25%

30%

2013-14

30%

25%

45%

प्रश्न 11:

प्रश्न: तृतीयक वर्ग में
किन सेवाओं का समावेश होता है
?
उत्तर: तृतीयक वर्ग
में शिक्षा
, स्वास्थ्य,
परिवहन, बैंकिंग, बीमा और संचार सेवाएं शामिल होती हैं।
यह सेवाएँ उत्पादों और अन्य सेवाओं के वितरण में मदद करती हैं।

प्रश्न 12:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

सेवाएँ

प्राथमिक

खेती, मछली पकड़ना

द्वितीयक

निर्माण, फैक्ट्री कार्य

तृतीयक

बैंकिंग, परिवहन, शिक्षा

प्रश्न 13:

प्रश्न: क्या सेवा
क्षेत्र का विस्तार अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है
?
उत्तर: हाँ, सेवा क्षेत्र का विस्तार अर्थव्यवस्था
के लिए लाभकारी है क्योंकि यह रोजगार के नए अवसर प्रदान करता है और उत्पादकता
बढ़ाने में मदद करता है। यह क्षेत्र जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

प्रश्न 14:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

योगदान (%)

वृद्धि दर (%)

प्राथमिक

30%

2%

द्वितीयक

25%

3%

तृतीयक

45%

5%

प्रश्न 15:

प्रश्न: प्राथमिक और
द्वितीयक वर्ग में सबसे बड़ा अंतर क्या है
?
उत्तर: प्राथमिक वर्ग
प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादन करता है
, जबकि द्वितीयक वर्ग इन संसाधनों का उपयोग करके वस्त्र, वाहन, औद्योगिक सामग्री आदि का निर्माण करता
है।

प्रश्न 16:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

कार्य

उदाहरण

प्राथमिक

प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादन

कृषि, खनन

द्वितीयक

कच्चे माल का प्रसंस्करण

फैक्ट्री में उत्पादन

तृतीयक

सेवाओं का वितरण

परिवहन, शिक्षा

प्रश्न 17:

प्रश्न: द्वितीयक वर्ग के
विकास का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है
?
उत्तर: द्वितीयक वर्ग
के विकास से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ
ही
, इस विकास से औद्योगिक
गतिविधियों का विस्तार होता है।

प्रश्न 18:

तालिका को पूरा करें:

वर्ष

द्वितीयक क्षेत्र का विकास (%)

1973-74

25%

2013-14

25%

प्रश्न 19:

प्रश्न: क्या प्राथमिक
वर्ग के बिना द्वितीयक वर्ग का अस्तित्व संभव है
?
उत्तर: नहीं, प्राथमिक वर्ग के बिना द्वितीयक वर्ग का
अस्तित्व संभव नहीं है क्योंकि द्वितीयक वर्ग कच्चे माल पर निर्भर करता है
,
जो कि प्राथमिक
क्षेत्र द्वारा प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 20:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

कच्चे माल की निर्भरता

द्वितीयक

हाँ, पूरी तरह से निर्भर

प्रश्न 21:

प्रश्न: आप द्वितीयक वर्ग
को कैसे परिभाषित करेंगे
?
उत्तर: द्वितीयक वर्ग
वह है जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके वस्तुओं का निर्माण किया जाता है।
इस वर्ग में फैक्ट्री उत्पादन
, निर्माण
और अन्य औद्योगिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं।

प्रश्न 22:

तालिका को पूरा करें:

वर्ग

कार्य

द्वितीयक

संसाधनों का प्रसंस्करण और वस्त्र
निर्माण

प्रश्न 23:

प्रश्न: तृतीयक वर्ग की
कौन-सी सेवाएँ आर्थिक विकास में सहायक होती हैं
?
उत्तर: तृतीयक वर्ग
की बैंकिंग
, शिक्षा,
परिवहन और स्वास्थ्य
जैसी सेवाएँ आर्थिक विकास में सहायक होती हैं क्योंकि ये सेवाएँ उत्पादकता को
बढ़ावा देती हैं और विकासशील गतिविधियों को सुलभ बनाती हैं।

1.     सही विकल्प चयन करें:

    • (d)
      सेवा क्षेत्र में रोजगार सृजन में वृद्धि
      हुई है (हुई है)।
    • ([k])
      प्राथमिक क्षेत्र के श्रमिक वस्तुओं का
      उत्पादन नहीं करते हैं (कृषि)।
    • (x)
      तृतीयक क्षेत्र के अधिकांश श्रमिकों को
      नौकरी की सुरक्षा और संरक्षण मिलता है (संगठित/असंगठित)।
    • (?k)
      भारत में —————————–
      अनुपात में श्रमिक असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं (छोटे/बड़े)।
    • (Ä)
      कृषि एक —————————–
      क्रिया है
      , और कपड़ा
      एक —————————– उत्पाद है (प्राथमिक/निर्मित)।
    • (p)
      प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों की
      गतिविधियाँ —————————– हैं (स्वतंत्र/परस्पर निर्भर)।

2.     सही उत्तर का चयन करें:

    • (v)
      सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों का वर्गीकरण
      किया जाता है

3.     सही उत्तर का चयन करें:

    • (v)
      सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों का वर्गीकरण
      किया जाता है:
      • (d)
        रोजगार की शर्तों के आधार पर।
      • ([k])
        आर्थिक गतिविधियों के स्वभाव के आधार
        पर।
      • (x)
        उद्यमों के स्वामित्व के आधार पर।
      • (?k)
        उद्यम में कार्यरत श्रमिकों की संख्या
        के आधार पर।

4.     एक वस्तु का अधिकांशतः प्राकृतिक
प्रक्रिया से उत्पादन —————————– क्षेत्र की गतिविधि है
:

    • (d)
      प्राथमिक क्षेत्र।
    • ([k])
      द्वितीयक क्षेत्र।
    • (x)
      तृतीयक क्षेत्र।
    • (?k)
      सूचना प्रौद्योगिकी।

5.     किसी वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तु का
मूल्य किसे कहते हैं
?

    • (d)
      सभी वस्तुओं और सेवाओं का।
    • ([k])
      सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का।
    • (x)
      सभी मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं का।
    • (?k)
      सभी मध्यवर्ती और अंतिम वस्तुओं एवं
      सेवाओं का।

6.     2013-14
के
बीच तीसरे क्षेत्र की हिस्सेदारी कितने प्रतिशत थी
?

    • (d)
      20 से 30 प्रतिशत।
    • ([k])
      30 से 40 प्रतिशत।
    • (x)
      50 से 60 प्रतिशत।
    • (?k)
      60 से 70 प्रतिशत।

7.     निम्नलिखित के बारे में चर्चा कीजिए:

o  
(v) क्या आप मानते हैं कि आर्थिक गतिविधियों
का प्राथमिक
, द्वितीयक,
और तृतीयक क्षेत्रों
में विभाजन उपयोगी है
? इसका
उत्तर स्पष्ट करें।

o  
उत्तर: हाँ,
यह विभाजन उपयोगी है
क्योंकि यह हमें विभिन्न क्षेत्रों की भूमिका और उनके बीच के संबंधों को समझने में
मदद करता है। प्राथमिक क्षेत्र वस्तुओं का उत्पादन करता है
, द्वितीयक क्षेत्र उनका प्रसंस्करण करता
है
, और तृतीयक क्षेत्र
सेवाएँ प्रदान करता है। इन तीनों क्षेत्रों के बीच परस्पर निर्भरता होती है
,
जिससे आर्थिक विकास
के विभिन्न चरणों को समझा जा सकता है।

8.     प्रत्येक क्षेत्र को केवल रोजगार और सकल
घरेलू उत्पाद (
GDP) पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्यों नहीं
देखा जाना चाहिए
? अन्य कारकों पर भी विचार किया जा सकता
है
, जैसे कार्यक्षमता,
पूंजी
गहनता
, और उत्पादन क्षमता। इस पर चर्चा करें।

    • उत्तर:
      रोजगार और
      GDP महत्वपूर्ण
      कारक हैं
      , लेकिन
      कार्यक्षमता
      , पूंजी की
      आवश्यकता और उत्पादन क्षमता भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इनसे यह समझ आता है
      कि किस क्षेत्र में कौन-से संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो रहा है। उदाहरण के
      लिए
      , तृतीयक
      क्षेत्र में कम श्रमिकों के बावजूद उत्पादन की क्षमता और सेवा की गुणवत्ता
      बेहतर हो सकती है।

9.     तीसरे क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों से अलग
क्या बनाता है
? इस पर तर्क दीजिए।

    • उत्तर:
      तृतीयक
      क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों से अलग बनाता है इसका सेवा-उन्मुख होना। जहाँ
      प्राथमिक क्षेत्र कच्चे माल का उत्पादन करता है और द्वितीयक क्षेत्र उन्हें
      उत्पादों में बदलता है
      , तृतीयक
      क्षेत्र सेवाएँ प्रदान करता है। इसमें बैंकिंग
      , शिक्षा, स्वास्थ्य, और परिवहन जैसी सेवाएँ शामिल हैं,
      जो अर्थव्यवस्था को कार्यशील बनाए रखती
      हैं।

10.  ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार
के उदाहरण देते हुए अप्रचलित और नए रोजगार के अवसरों के बारे में चर्चा करें।

  • उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से कृषि
    आधारित रोजगार होते हैं
    , जैसे खेती, मवेशी पालन, और डेयरी उद्योग, जबकि
    शहरी क्षेत्रों में आईटी
    , शिक्षा, और व्यापार में नए रोजगार के अवसर हैं। समय के साथ, कई पारंपरिक रोजगारों में कमी आई है,
    और नई तकनीकों और सेवाओं के कारण आधुनिक
    रोजगार के अवसर बढ़े हैं। उदाहरण के लिए
    , कृषि में मशीनों के उपयोग से मजदूरी आधारित कामों में कमी आई है,
    जबकि आईटी सेवाओं और ऑनलाइन कार्यों में
    रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
  1. खुले और छिपे हुए बेरोजगारी में अंतर
    कीजिए और भारत के संदर्भ में इसे समझाइए।
  • उत्तर: खुले बेरोजगारी में व्यक्ति को रोजगार
    नहीं मिल रहा होता
    , जबकि छिपे हुए बेरोजगारी में
    व्यक्ति कार्यरत होता है
    , लेकिन उसकी उत्पादकता और
    कार्यक्षमता कम होती है। भारत में विशेषकर कृषि क्षेत्र में छिपे हुए
    बेरोजगारी का अधिक उदाहरण मिलता है
    , जहाँ एक ही काम के लिए ज्यादा लोग लगे होते हैं, जबकि उनके बिना भी काम चल सकता है।
  1. क्या आप सहमत हैं कि आर्थिक गतिविधियों
    में तीसरे क्षेत्र की कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं रही है
    ? इस
    पर अपने उत्तर के समर्थन में कारण दें।
  • उत्तर: नहीं, मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ। तीसरे क्षेत्र की भूमिका अत्यधिक
    महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अन्य क्षेत्रों के लिए सेवाएँ प्रदान करता है।
    बैंकिंग
    , परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएँ, और
    शिक्षा जैसी सेवाएँ उत्पादन और वितरण के लिए आवश्यक होती हैं। तीसरे क्षेत्र
    के बिना
    , अन्य क्षेत्रों में भी विकास और
    कार्यप्रवाह बाधित हो जाएगा। इसके अलावा
    , जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था विकसित होती है, सेवाओं की माँग और योगदान भी बढ़ता जाता
    है
    , जो GDP और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  1. भारत में सेवा क्षेत्र के अंतर्गत दो
    अलग-अलग प्रकार के लोगों को रोजगार प्रदान किया जाता है। ये लोग कौन हैं
    ?
  • उत्तर:
    1. संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग,
      जैसे बैंक कर्मचारी, शिक्षक, डॉक्टर, वकील, और सरकारी कर्मचारी।
    2. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग,
      जैसे छोटे दुकानदार, फेरीवाले, घरेलू कामगार, और निर्माण कार्यों में मजदूर।
  1. क्या आपको लगता है कि असंगठित क्षेत्र के
    श्रमिकों का शोषण किया जाता है
    ? अपने
    उत्तर के समर्थन में कारण दें।
  • उत्तर: हाँ, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का अक्सर शोषण होता है क्योंकि
    उनके पास सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सुरक्षा का अभाव होता है। उन्हें न्यूनतम
    मजदूरी नहीं मिलती
    , काम की उचित स्थिति नहीं होती,
    और स्वास्थ्य लाभ, पेंशन या दुर्घटना बीमा जैसी सुविधाएँ भी
    नहीं होतीं। इसलिए
    , उन्हें असुरक्षित और अस्थायी
    कार्यों में काम करना पड़ता है
    , जिससे
    उनका शोषण होता है।
  1. आर्थिक गतिविधियों को रोजगार की स्थितियों
    के आधार पर कैसे वर्गीकृत किया जाता है
    ?
  • उत्तर: आर्थिक गतिविधियों को रोजगार की स्थितियों
    के आधार पर संगठित और असंगठित क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाता है। संगठित
    क्षेत्र में काम करने वालों को नौकरी की सुरक्षा
    , नियमित वेतन, और सामाजिक सुरक्षा मिलती है,
    जबकि असंगठित क्षेत्र के कामगारों को ये
    लाभ नहीं मिलते और उनका काम अस्थायी और असुरक्षित होता है।
  1. संगठित और असंगठित क्षेत्रों की वर्तमान
    रोजगार स्थितियों की तुलना करें।
  • उत्तर: संगठित क्षेत्र में श्रमिकों को नियमित
    वेतन
    , कार्यस्थल सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलते हैं। इसके विपरीत,
    असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के
    पास रोजगार सुरक्षा नहीं होती
    , उन्हें
    अस्थिर काम करना पड़ता है
    , और वे न्यूनतम मजदूरी और अन्य
    सुविधाओं से वंचित रहते हैं। संगठित क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या कम है
    जबकि असंगठित क्षेत्र में अधिक श्रमिक काम कर रहे हैं
    , विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
  1. मनरेगा 2005 (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के
    उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
  • उत्तर: मनरेगा 2005 का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुरक्षा और
    रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके तहत प्रत्येक परिवार के योग्य सदस्य को
    एक वित्तीय वर्ष में
    100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार दिया
    जाता है। यह अधिनियम ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना विकास
    , जल संरक्षण, और कृषि में सुधार के लिए भी काम करता है। इसके अलावा, यह अस्थायी बेरोजगारी से निपटने और
    ग्रामीण लोगों की आय में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
  1. अपने क्षेत्र से उदाहरण देते हुए
    सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की गतिविधियों की तुलना और विवेचना कीजिए।
  • उत्तर: मेरे क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के
    तहत सरकारी स्कूल
    , सरकारी अस्पताल, और बिजली वितरण विभाग काम करते हैं। इन
    सेवाओं का उद्देश्य जनता की भलाई के लिए काम करना होता है
    , और वे गैर-लाभकारी होते हैं। इसके विपरीत,
    निजी क्षेत्र में निजी स्कूल, निजी अस्पताल और विभिन्न व्यापारिक
    संस्थान आते हैं
    , जो मुनाफा कमाने के लिए काम करते
    हैं। निजी क्षेत्र में सेवाओं की गुणवत्ता अधिक हो सकती है
    , लेकिन वे महंगे होते हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र कम कीमत पर या
    मुफ्त सेवाएँ प्रदान करता है।
  1. अपने क्षेत्र से एक-एक उदाहरण देते हुए
    निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और चर्चा कीजिए:
  • संगठित क्षेत्र के उदाहरण: सरकारी बैंक, सरकारी अस्पताल।
  • असंगठित क्षेत्र के उदाहरण: छोटे दुकानदार, निर्माण श्रमिक।
  1. सार्वजनिक क्षेत्र की गतिविधियों के कई
    उदाहरण दें और चर्चा करें कि सरकार इन गतिविधियों को क्यों संचालित करती है।
  • उत्तर: सार्वजनिक क्षेत्र की कई गतिविधियाँ हैं,
    जैसे रक्षा, रेलवे, डाक सेवाएँ, सार्वजनिक परिवहन, और स्वच्छता सेवाएँ। सरकार इन गतिविधियों
    को संचालित करती है ताकि हर नागरिक को आवश्यक सेवाएँ मिल सकें
    , और किसी भी व्यक्ति या समूह को सेवाओं से
    वंचित न किया जा सके। इन सेवाओं का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं
    , बल्कि नागरिकों की भलाई और विकास
    सुनिश्चित करना है।
  1. चर्चा करें कि एक देश के आर्थिक विकास में
    सार्वजनिक क्षेत्र किस प्रकार योगदान देता है।
  • उत्तर: सार्वजनिक क्षेत्र किसी देश के आर्थिक
    विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है क्योंकि यह बुनियादी सेवाएँ और अवसंरचना
    प्रदान करता है
    , जैसे परिवहन, संचार, स्वास्थ्य, और शिक्षा। इसके अलावा, यह रोजगार के अवसर पैदा करता है और
    सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। सरकारी परियोजनाएँ और योजनाएँ जैसे कि
    मनरेगा
    , ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में
    विकास को बढ़ावा देती हैं
    , और समानता को सुनिश्चित करने में
    मदद करती हैं।
  1. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को
    निम्नलिखित मुद्दों पर सुरक्षा की आवश्यकता होती है: नौकरी
    , सुरक्षा, और
    स्वास्थ्य। उदाहरण सहित चर्चा करें।
  • उत्तर: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को नौकरी की
    सुरक्षा
    , कार्यस्थल पर सुरक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता होती है।
    उदाहरण के लिए
    , निर्माण स्थलों पर काम करने वाले
    मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण और स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है।
    उन्हें नियमित काम का आश्वासन नहीं होता
    , जिससे उनका जीवन अस्थिर होता है। इसके अलावा, वे बीमारियों और दुर्घटनाओं के प्रति अधिक
    संवेदनशील होते हैं
    , इसलिए उन्हें स्वास्थ्य बीमा की
    आवश्यकता होती है।
  1. वर्तमान रोजगार स्थितियों का अध्ययन करते
    हुए बताएं कि शहर में कितने प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं
    ?
  • उत्तर: एक अध्ययन के अनुसार, शहरों में करीब 70% श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं।
    इनमें से अधिकांश लोग छोटे दुकानों
    , निर्माण कार्य, और
    घरेलू सेवाओं में कार्यरत हैं।
    1997-98 के दौरान, शहर की कुल आय में से 320 करोड़ रुपये असंगठित क्षेत्र से प्राप्त
    हुए थे
    , जबकि 600 करोड़ रुपये की आय दर्ज की गई थी।

 

प्रश्न 24: निम्न तालिका में तीनों
क्षेत्रों के कुल उत्पादन (
GDP) का अनुमान (लाखों रुपये में) दिया गया है। इसे पूरा करें:

वर्ष

प्राथमिक

द्वितीयक

तृतीयक

2000

52,000

48,500

1,33,500

2013

80,500

10,74,000

38,68,000

(d) वर्ष 2000 और 2013 के लिए ल-?k-m- में तीनों क्षेत्रों की हिस्सेदारी की
गणना करें।

([k)
इन आंकड़ों को
वर्कशीट
2 के समान एक निष्कर्ष रिपोर्ट के रूप में
प्रस्तुत करें।

(x)
निष्कर्ष रिपोर्ट
से हम क्या निष्कर्ष निकालते हैं
?

·  वर्ष 2000: प्राथमिक क्षेत्र
52,000; द्वितीयक क्षेत्र – 48,500; तृतीयक क्षेत्र – 1,33,500

·  वर्ष 2013: प्राथमिक
क्षेत्र –
8,00,500; द्वितीयक क्षेत्र – 10,74,000; तृतीयक
क्षेत्र –
38,68,000

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