Chapter 1 सत्ता की साझेदारी (Power-sharing) Class 10 NCERT Civics

 

Explore power-sharing in democracy with case studies of
Belgium and Sri Lanka in NCERT Class 10 Political Science Chapter 1 in Hindi

Chapter 1 सत्ता की साझेदारी (Power-sharing)

Class 10 NCERT Civics हिंदी: लोकतांत्रिक
राजनीति-
2

Updated for 2024-2025 Exams

 

Concept
Map:
सत्ता की साझेदारी (Power Sharing)

  • Introduction: Power-sharing is essential in a
    democracy to maintain balance and avoid conflicts between different
    groups.
    लोकतंत्र में
    सत्ता-साझेदारी महत्वपूर्ण होती है ताकि विभिन्न समूहों के बीच संतुलन बना
    रहे और संघर्षों से बचा जा सके।


Main Points:

  1. Belgium and Sri Lanka Case
    Studies:
    Belgium
    has successfully implemented a power-sharing system between its linguistic
    groups.
    बेल्जियम ने
    अपनी भाषाई समूहों के बीच सफलतापूर्वक सत्ता-साझेदारी लागू की।
    Sri Lanka, on the other hand,
    failed to share power between the Sinhalese majority and Tamil minority,
    leading to civil war.
    श्रीलंका में
    सिंहली बहुमत और तमिल अल्पसंख्यक के बीच सत्ता का सही बंटवारा नहीं हुआ
    , जिससे गृह युद्ध हुआ।
  2. Forms of Power Sharing:
    • Horizontal Power Sharing:
      Power is shared among different branches of government like the
      legislature, executive, and judiciary.
      विधायिका, कार्यपालिका, और न्यायपालिका जैसी विभिन्न
      सरकारी शाखाओं के बीच सत्ता का बंटवारा।
    • Vertical Power Sharing:
      Power is divided between central, state, and local governments.
      केंद्र, राज्य, और स्थानीय सरकारों के बीच सत्ता
      का विभाजन।
  3. Community and Social Groups: Different social groups like
    religious, ethnic, or linguistic communities share power in governance to
    ensure inclusivity.
    धार्मिक, जातीय, और भाषाई समूहों के बीच सत्ता का
    बंटवारा समावेशिता सुनिश्चित करता है।
  4. Benefits of Power Sharing: Reduces the likelihood of
    conflict between groups and ensures political stability.
    समूहों के
    बीच संघर्ष की संभावना कम होती है और राजनीतिक स्थिरता बनी रहती है।
    Strengthens democracy by giving
    all groups a say in governance.
    सभी समूहों
    को शासन में भागीदारी देकर लोकतंत्र को मजबूत करता है।


Key Examples:

  • Belgium: Adopted a model where both
    Dutch-speaking and French-speaking communities have equal representation
    in government.
    बेल्जियम में
    डच और फ्रेंच भाषी समुदायों को सरकार में समान प्रतिनिधित्व मिला।
  • Sri Lanka: Adopted a majoritarian approach
    where the Sinhala community dominated, leading to civil unrest.
    श्रीलंका में
    सिंहली समुदाय का वर्चस्व था
    , जिससे नागरिक अशांति उत्पन्न हुई।


Conclusion:

Power sharing
is the essence of democracy and ensures that no single group dominates,
promoting national unity.
सत्ता-साझेदारी
लोकतंत्र की आत्मा है और यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी एक समूह हावी न हो
, जिससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता
है।

प्रश्न 1:

बेल्जियम और
श्रीलंका के बीच सत्ता-साझेदारी के तरीकों में क्या अंतर था
?

उत्तर:
बेल्जियम ने
सत्ता-साझेदारी को अपनाया
, जहाँ डच और फ्रेंच भाषी समुदायों को
बराबर प्रतिनिधित्व दिया गया। वहाँ सांस्कृतिक विविधता को मान्यता दी गई और
क्षेत्रीय सरकारों को भी शक्तियाँ दी गईं।

वहीं, श्रीलंका ने बहुसंख्यकवादी दृष्टिकोण
अपनाया
, जिसमें सिंहली समुदाय का वर्चस्व था और
तमिल अल्पसंख्यकों को सत्ता में भागीदारी नहीं मिली
, जिसके कारण वहाँ गृह युद्ध हुआ।


प्रश्न 2:

सत्ता-साझेदारी के
क्या लाभ हैं
?

उत्तर:
सत्ता-साझेदारी के
कई लाभ हैं:

  1. यह समाज के
    विभिन्न समूहों के बीच संघर्ष की संभावना को कम करता है।
  2. लोकतंत्र को
    स्थिर बनाता है और सभी समुदायों को सत्ता में भागीदारी देता है।
  3. देश की एकता
    और अखंडता को बनाए रखने में मदद करता है।
  4. यह सुनिश्चित
    करता है कि कोई एक समुदाय या समूह सत्ता पर हावी न हो।


प्रश्न 3:

सत्ता के क्षैतिज
और ऊर्ध्वाधर बँटवारे में क्या अंतर है
?

उत्तर:

  • क्षैतिज
    बँटवारा:
    इसमें सत्ता
    सरकार के विभिन्न अंगों – विधायिका
    , कार्यपालिका और न्यायपालिका – के बीच विभाजित होती है
    ताकि कोई भी अंग पूरी सत्ता न हासिल कर सके।
  • ऊर्ध्वाधर
    बँटवारा:
    इसमें सत्ता
    केंद्र सरकार
    , राज्य सरकार, और स्थानीय सरकारों के बीच विभाजित
    होती है
    , जिसे संघवाद
    कहा जाता है।


प्रश्न 4:

बेल्जियम के
संविधान में किस प्रकार की सत्ता-साझेदारी के प्रावधान किए गए हैं
?

उत्तर:
बेल्जियम के
संविधान में चार प्रकार की सत्ता-साझेदारी के प्रावधान हैं:

  1. केंद्र सरकार
    में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या बराबर रखी गई।
  2. क्षेत्रीय
    सरकारों को शक्तियाँ सौंपी गईं और वे केंद्र सरकार के अधीन नहीं हैं।
  3. ब्रूसेल्स की
    सरकार में दोनों समुदायों को समान प्रतिनिधित्व दिया गया।
  4. सांस्कृतिक
    समुदायों के लिए एक सामुदायिक सरकार बनाई गई
    , जो उनकी भाषा और सांस्कृतिक मामलों पर निर्णय लेती है।


प्रश्न 5:

श्रीलंका में
सत्ता-साझेदारी क्यों नहीं हो पाई
? इसके परिणाम क्या रहे?

उत्तर:
श्रीलंका में
सत्ता-साझेदारी नहीं हो पाई क्योंकि सिंहली समुदाय ने तमिलों को सत्ता में
भागीदारी नहीं दी। सिंहली नेताओं ने श्रीलंका को बौद्ध धर्म और सिंहली भाषा के
आधार पर शासन करने का निर्णय लिया
, जिससे तमिल समुदाय को असंतोष हुआ। इसका परिणाम गृह युद्ध और
हिंसा के रूप में सामने आया
, जिससे देश की एकता
को खतरा हुआ।


प्रश्न 6:

सत्ता-साझेदारी
लोकतंत्र के लिए क्यों आवश्यक है
?

उत्तर:
सत्ता-साझेदारी
लोकतंत्र के लिए आवश्यक है क्योंकि यह सभी समुदायों और समूहों को शासन में
भागीदारी का अवसर देती है। इससे सत्ता के केंद्रीकरण से बचा जाता है
, और लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी वर्गों
को उचित प्रतिनिधित्व मिलता है
, जिससे सामाजिक
समरसता और राजनीतिक स्थिरता बनी रहती है।


प्रश्न 7:

सत्ता के बँटवारे
के पक्ष में दो तर्क दीजिए।

उत्तर:

  1. यथार्थवादी
    तर्क:
    सत्ता के
    बँटवारे से समाज के विभिन्न समूहों के बीच संघर्ष की संभावना कम हो जाती है
    , जिससे देश में शांति और स्थिरता बनी
    रहती है।
  2. नैतिक तर्क: लोकतंत्र की
    आत्मा सत्ता-साझेदारी में निहित है। सभी सामाजिक समूहों को सत्ता में
    भागीदारी देकर ही एक वैध और स्थायी लोकतंत्र कायम किया जा सकता है।

प्रश्न 1:

आधुनिक
लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं
? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।

उत्तर:
आधुनिक
लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के चार प्रमुख तरीके होते हैं:

  1. क्षैतिज
    बँटवारा (
    Horizontal
    Power Sharing):

    सत्ता को
    विधायिका
    , कार्यपालिका
    और न्यायपालिका के बीच विभाजित किया जाता है।

    उदाहरण: भारत में विधायिका
    (संसद)
    , कार्यपालिका
    (प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल)
    , और न्यायपालिका (सुप्रीम कोर्ट) के बीच शक्ति का
    विभाजन।
  2. ऊर्ध्वाधर
    बँटवारा (
    Vertical
    Power Sharing):

    केंद्र और
    राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।

    उदाहरण: भारत में
    केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संघीय व्यवस्था।
  3. सामुदायिक
    बँटवारा (
    Community-based
    Power Sharing):

    सामाजिक और
    सांस्कृतिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।

    उदाहरण: बेल्जियम में
    डच और फ्रेंच भाषी समुदायों के बीच शक्ति-साझेदारी।
  4. राजनीतिक
    दलों के बीच बँटवारा (
    Power Sharing among Political Parties):
    गठबंधन
    सरकारों के माध्यम से सत्ता का विभाजन।

    उदाहरण: भारत में 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद NDA गठबंधन की सरकार।


प्रश्न 2:

भारतीय संदर्भ में
सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपूर्ण और एक नैतिक कारण
बताएँ।

उत्तर:
भारतीय संदर्भ में
सत्ता की हिस्सेदारी का उदाहरण पंचायत प्रणाली है
, जहाँ स्थानीय स्तर पर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया है।

  • युक्तिपूर्ण
    कारण:

    इससे निर्णय
    लेने की प्रक्रिया अधिक स्थानीय और सटीक होती है
    , जिससे भ्रष्टाचार कम होता है और प्रशासनिक
    कुशलता बढ़ती है।
  • नैतिक कारण:
    यह सत्ता उन
    लोगों के हाथों में सौंपता है जिन्हें इसका वास्तविक हक है
    , जिससे लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत
    किया जाता है।


प्रश्न 3:

इस अध्याय को
पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं
और क्यों
? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।

उत्तर:
मैं औसेफ के विचार
से सहमत हूँ कि सत्ता की साझेदारी हर समाज में जरूरी है
, चाहे वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन
न हो। सत्ता की साझेदारी सभी समुदायों और व्यक्तियों को शासन में भागीदारी का अवसर
देती है
, जिससे समाज में संतुलन और समरसता बनी
रहती है। यह लोकतंत्र की आत्मा है।


प्रश्न 4:

बेल्जियम में
ब्रेसल्स के निकट स्थित मर्चटेम के मेयर ने अपने शहर में फ़्रेंच बोलने पर रोक को
सही ठहराया। क्या आपको लगता है कि यह फ़ैसला बेल्जियम की सत्ता-साझेदारी की व्यवस्था
से मेल खाता है
? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।

उत्तर:
मर्चटेम के मेयर
द्वारा फ़्रेंच बोलने पर रोक बेल्जियम की सत्ता-साझेदारी की मूल भावना से मेल नहीं
खाती। बेल्जियम ने विभिन्न भाषाई समूहों को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए सत्ता-साझेदारी
को अपनाया है
, जबकि इस निर्णय से फ़्रेंच भाषी समुदाय
को अलग-थलग किया जा रहा है
, जिससे असंतुलन पैदा हो सकता है।


प्रश्न 5:

नीचे दिए गए
उद्धरण को गौर से पढ़ें और उसमें दिए गए सत्ता-साझेदारी के युक्तिपूर्ण कारण का
चुनाव करें।

उत्तर:
उद्धरण में सत्ता-साझेदारी
के युक्तिपूर्ण कारण के रूप में यह कहा गया है कि सत्ता के विकेंद्रीकरण से
भ्रष्टाचार में कमी आएगी और प्रशासनिक कुशलता बढ़ेगी। जब विकास की योजनाओं में
जनता की भागीदारी होगी
, तो वे योजनाओं पर बेहतर नियंत्रण कर
पाएंगे
, जिससे सत्ता अधिक जवाबदेह बनेगी।


प्रश्न 6:

सत्ता के बँटवारे
के पक्ष में कौन से तर्क दिए जाते हैं
? सही तर्क चुनें।

उत्तर:
सही तर्क इस
प्रकार हैं:

  • (क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव
    को कम करती है।
  • (ख) पक्षपात का अदेशं घटता है।
  • (घ) विविधताओं को अपने में समेट लेती
    है।
  • (च) सत्ता में लोगों की भागीदारी
    बढ़ाती है।

सही उत्तर: (सा) क, , ,


प्रश्न 7:

बेल्जियम और
श्रीलंका की सत्ता में साझीदारी की व्यवस्था के बारे में दिए गए बयानों में से सही
का चुनाव करें।

उत्तर:
सही बयान:

  • (ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली-भाषी
    बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
  • (ग) श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को
    संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
  • (घ) बेल्जियम में संघीय शासन
    व्यवस्था लाकर देश को भाषा के आधार पर टूटने से बचाया गया।

सही उत्तर: (मा) ख, ग और घ


प्रश्न 8:

सूची I और सूची II के बीच मिलान करें और सही जवाब चुनें।

उत्तर:

  •  
    1. (घ) संघीय सरकार
  •  
    1. (क) सामुदायिक सरकार
  •  
    1. (ख) अधिकारों का वितरण
  •  
    1. (ग) गठबंधन सरकार

सही उत्तर: (सा) घ क ख ग


प्रश्न 9:

सत्ता-साझेदारी के
बारे में दिए गए दो बयानों में से सही का चुनाव करें।

उत्तर:
(
ख) अ और ब दोनों
सही हैं।

सत्ता की साझेदारी
लोकतंत्र के लिए लाभकारी है और यह सामाजिक समूहों में टकराव की संभावना को घटाती
है।

Leave a Comment